हवा और दुपट्टा सर सराती हवा मेरे आंचल को लहराय हाथों में थामा दुपट्टा वो भी चुप चाप शरमाए कहतीं है कुछ कानों में,उसकी बातों से मेरा मन ,मन ही मन मुस्काए सर सराती हवा मेरे आंचल को लहराय... मिलती है रोज शाम मुझे ये हवा साथ में ये दुपट्टा भी लहराएं, ये अहसास होता है जो मुझकों मेरे तन मन की पीड़ा दूर कर जाए.... हवा और दुपट्टा संग में मेरे गीत गाएं सर सराती हवा मेरे आंचल को लहराय .... । #Dupatta