क्या खूब ये शमाँ है महके से ये जज्बात हैं। दिल को मिला सुकून ये राहत की बात है। तुम आशकी हो तुम जानेजिगर हो तुम। कितने दिनों के बाद दोनों की मुलाकात है। बेदर्द जमाने ने सितम लाख किये हैं। आज फिर मिलें हैं ये कुदरत की करामात। तमन्ना बस तेरी शबोरोज तुमको चाहा। वक्त का तकाजा है आज दिन है जुमेरात। शायर :- शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी दोनों की मुलाकात।