सुनो! बादल और बरखा सा अंदाज़ ले आओ तुम एहसास में, मिलो कभी-कभी मगर गहरे हों जज़्बात हमारी इस तलाश में। चुरा रही हूँ आज पूरे हक़ से मैं तुम्हारी ही कही ये बातें पुरानी, उम्र-क़ैद से कम सज़ा ना दिलवाना, ढूँढ़ना छोड़े सबूत पास में। और हाँ! बहल भी मत जाना दिल की मासूम सी मुस्कुराहट से, तुम और तुम्हारी बातें ही मिलेंगी, यहाँ बिखरे हर-एक क़ाश में। भरोसा नहीं है ज़िंदगी का, रूह से रूह का रिश्ता निभाना तुम, हों जैसे भी हालात, मजबूरियाँ, देखूँगी तुम्हें खिलते पलाश में। कुछ बातें कहने की नहीं, समझने के लिए भी होती है 'धुन', बनकर नई उम्मीद और हौसला बढ़ती रहूँगी साथ विश्वास में। क़ाश- Piece Rest Zone आज का शब्द- 'बादल' #rzmph #rzmph142 #बादल #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #rzhindi