जब से मिली हूँ तुमसे,ख़ुद से मिलना भूल गयी हूँ देखा जो तुमको,ख़ुद को देखने को तरस गयी हूँ! कहते हो तुम,याद न किया करूँ,इतना ज़्यादा तुमको वश में नहीं मेरे,समझाते-समझाते हार गयी हूँ तुमको! ज़ोर चलता नहीं बिल्कुल भी अब मेरा तो ख़ुद पर कोई छोड़ दिया तुम पर ही,अब रास्ता सुझाओ आकर कोई! सुना है बहुत, इश्क़-मोहब्बत के बारे में बोलते हैं सभी तुम भी तो बोलो,अपने इश्क़ के बारे में कुछ तो कभी.! तरस गयी हैं नजरें मेरी,देखने को तुम्हें,पास आओ तो कभी मोहब्बत है तुम्हें मुझसे,मानो तुम भी अपने मन की कभी! 🌹🌹🌹 Muनेश...Meरी✍️ तरस गए हम ख़ुद से मिलने को। #तरसगए #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi