ख़याल ख़्वाहिश हो जाये अरमां बने हर आस जां हो जाती ज़िंदगी और रह जाते फिर क़ाश किसी का मिलना और आरज़ू होने की पास जैसे छोटी सी क़लम हो लिखने को आकाश . धीर लिखने को आकाश