तुम परियों सी हो, तुम इक अप्सरा हो, जो ख्वाबों में अक्सर मुझसे मिलने आती थी, जब भी करीब जाता था वो ओर दूर हो जाती थी, यूँ सजदा निभाता रहा यूँ ही अक्सर चलता रहा, ना जाने नभ से उतर कहाँ, कैसे आज द्वार तुम मेरे आई हो, पल दो पल ही सही मेरी तो कहलाई हो, कितनी खूबसूरती कितनी खुशियाँ मानो जूही की कली बन आंगन महकाने आई हो, फूल बिछाऊँ तो कम होगा, क्यूँ आसमान की परी यूँ धरा पर क्यूँ उतर आई हो, अच्छा सुनो पलके बिछाने दो मुझे राहों में, अमानत जो बन मेरी ताउम्र साथ रहने आई हो ॥ #kbridals#life#love#bridal