एक वक़्त था जब न जाने कितनी बातें बिना कुछ सोचे समझे कह दिया करती थी तुमसे... एक वक़्त ये भी है, जब फ़कत एक ही बात को कहने के लिए बेइंतेहा सोचना पड़ता है... नहीं, कोई धोखा नहीं है, कोई बेवफ़ाई नहीं है, कोई दिल नहीं टूटा है... हक़ दोस्ती में भी छिनते हैं जनाब,, दिल दोस्त भी दुखाते हैं,कई बार.. कुछ ऐसे,, कि फ़िर दोस्ती तो बची रहती है, मग़र दोस्तों के अंदर दोस्ताना खो जाता है शायद कहीं... ©Neerja Ab jb tum call krte ho, aksar tabhi bate hoti hai humari... Mai ab bahut km bolti hu tumse.. Yad krti bhi hu to tumhe nahi btati... bs kha nahi pati, kya rokta h mujhe, mai nahi janti... Sun,, Mai aj bhi tujhe yad krti hu,