क्या करूं उसके हुस्न की तारीफ़ है खुदा की तराशी हुई खूबसूरत मूरत ज़ुल्फें हो जैसे उसकी काली घटा झील जैसे है आँखे उसकी होंठ हो जैसे उसके कमल चले तो लगे हो जैसे लहलाती फसल बोले तो लगे जैसे हो मीठी ग़ज़ल नदी सी है उसकी सीरत चांद सी है उसकी सूरत है खुदा की तराशी हुई खूबसूरत मूरत है खुदा की तराशी हुई खूबसूरत मूरत ।। # हुस्ने तारीफ