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शुक्रिया जिंदगी के हर त्यौहार मैंने घर पर मनाया है

शुक्रिया जिंदगी के हर त्यौहार मैंने घर पर मनाया है,
मां बाप की सिर पर छाव है ,किसी
दर्दो गम का ना साया है।

फ़िर भी जो घर से दूर रहकर त्यौहार मनाते है,
ये देख मेरी आंखों में आंसू आ जाते है।

जब दूसरों के दर्द ए गम देखती हूं,
तो चेहरे पर सब्र के भाव आ जाते हैं।

__smile ❤❤❤
शुक्रिया जिंदगी के हर त्यौहार मैंने घर पर मनाया है,
मां बाप की सिर पर छाव है ,किसी
दर्दो गम का ना साया है।

फ़िर भी जो घर से दूर रहकर त्यौहार मनाते है,
ये देख मेरी आंखों में आंसू आ जाते है।

जब दूसरों के दर्द ए गम देखती हूं,
तो चेहरे पर सब्र के भाव आ जाते हैं।

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