भगवान् की हर बात में है, कोई राज़ गहरा, लगता तो है कभी-2, कि क्यूँ भगवान ने फेरा हुआ है हमसे, चेहरा, सुन नही रहा एक भी गुहार, बना हुआ है बेहरा, लगा दिया है खुशियों पर हमारी, उलझनों का पहरा। पर हम ही नही समझ पाते, वो किस बात से, क्या समझा रहा है, क्या है कह रहा। क्यों हमारा उस पर विश्वास डगमगा रहा है, आसानी से है, ढेह रहा। कुछ बातें हमारे बस से बाहर हैं, उन्हें छोड़, अपने दिल को थोड़ा सुकून दो, वो व्यथ॔ ही इतना बोझ है सह रहा। #भगवान्