चादर की इज्ज़त करता हूं,और पर्दे को मानता हूं मैं हर पर्दा, पर्दा नहीं होता इतना मै भी जनता हूं सारे मर्द एक जैसे होते हैं ये तुमने कैसे कह डाला मैं भी तो एक मर्द हूं तुमको खुद से बेहतर मानता हूं ©Md Wasim Ahamad हर पर्दा , पर्दा नहीं होता इतना मै भी जनता हूं