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स्याही सूखी भी ना थी अख़बार की खबर एक और आ गई बला

स्याही सूखी भी ना थी अख़बार की 
खबर एक और आ गई बलात्कार की
ये संस्कार हमारे तो हो नहीं सकते
 जहां नारी प्रतीरूप है देवी के अवतार की| #dil ki zubaan
स्याही सूखी भी ना थी अख़बार की 
खबर एक और आ गई बलात्कार की
ये संस्कार हमारे तो हो नहीं सकते
 जहां नारी प्रतीरूप है देवी के अवतार की| #dil ki zubaan

#Dil ki zubaan