अफगान मुस्लिम कौम, तालिबान मुस्लिम कौम, काट रहा मुस्लिम , कट रहा मुस्लिम , भागो भागो रहम रहम .... तालीम का अफसाना देखो वहां, 56 देश मुस्लिम बनाया है जहाँ, सब खामोश तमाशा देख रहें , शांतिदूत ख़ून का होली खेल रहें , भाई वाह भाई वाह.... बंदूक और बारूद गूंज रहा , हवाँ में ज़हर को घुल रहा , कीमती चीज है लूटी जा रहीं, बहनों को बेटियों मां बीबी को, ऐयासी का शराब बनाने के लिये हड़प रहे, चीख़ रहीं बचाना बचाना ..... ये कैसा मजहब है, आतंक और लूट ही पेशा है, न रहम है न शरम है, हरम ही हरम ख़ून है, है आतंक फरमाना आतंक फरमाना.... दिख रहा नहीं यहां अब , कौन अबला कौन सबला यहां अब , मुट्ठी भर आतंकी का बोलबाला है अब , करोडो में शांतिदूतें क्यों खामोश है अब , किधर है अल्लाह किधर है मौला ..… कैसी तालीम ली तालिबान ने , क्या समझकर कर रहा लहूलुहान अफगान, अफगान याद नहीं आयी तुमको भी , कभी थे सनातनी उपासक थे तुम भी , तुम चिल्लाने लगे अल्ला अल्ला .... जो दया भाव मे कल्प कर दुहाई भरते थे , चिड़ियां पंख पतंग धागे से कट जाए न कहीं, बहते आंसू वाले तस्वीरों से दया भाव जगाते थे, वो शांतिदूत की आत्मा नहीं रो रही आज कहीं, भारत मे है अब कौन डरा डरा.... खैर अभी भारत सुरक्षित है, लोहपुरुष के हाथो में कमान है , भूल के भी न राह इधर का तकना, कही और कब्र बना लेना, कही और कब्र बना लेना। 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey अफगान मुस्लिम कौम, तालिबान मुस्लिम कौम, काट रहा मुस्लिम , कट रहा मुस्लिम , भागो भागो रहम रहम .... तालीम का अफसाना देखो वहां,