एक तुमसे दूरी और यह अमावस्या की रात, ना निकला चांद और ना हुई तुझ से बात। यह काली रात सी तन्हाइयां यूं तड़पाए, तेरी दूरी का एक पल भी सहा ना जाए। अब यूं तुम मेरी शायरियोँ की किताब बन गई हो, तुम ही मेरी चांद और आफताब बन गई हो। जैसे चांद को छूना तो चाहु पर छू न पाऊं, तूं बता मेरी जिंदगी के चांद, तुझ से दूरियां कैसे मिटाऊं!! जैसे चांद दूर होकर भी चांदनी संग शीतलता दे जाए, वैसे ही तेरी बातों में ही.. रूहानी सुकून हम पाए। आज तेरी व्यस्तता और यह अमावस की रात एक सी लागे, ना चांद दिखा ना तुम, और हम यूंही बैचेन रात भर जागे। ©Vasudha Uttam #AmavasyaKiRaat #Night #nojotoenglish #Nojotonews #Nojoto #nojotohindi Ruchika sk. manjur