कंद-मूल खाने वालों से मांसाहारी डरते थे।। पोरस जैसे शूर-वीर को नमन 'सिकंदर' करते थे॥ चौदह वर्षों तक खूंखारी वन में जिसका धाम था।। मन-मन्दिर में बसने वाला शाकाहारी राम था।। चाहते तो खा सकते थे वो मांस पशु के ढेरों में! लेकिन उनको प्यार मिला शबरी के जूठे बेरों में! @Ankit mishra'Ravan, #ramnavmi #शबरी के जूठे बेरों में!#@Ankitmishra'Ravan,