और अंत मैं ये बाते सिर्फ बातें रह जाती हे , उन वादों का कुछ मोल नहीं रहता . और फिर आपको महसूस होता हे की , जुबान से लफ़्जो का निकलना कितना आसान होता है . उन की गयी बातो और वादों के मोल तभी होते हे जब एक समय के बाद या अनंत काल तक वे वैसे ही रहे . ये बातें या वादें शायद आपके लिए एक मनोरंजन का जरिया हो सकती हे , पर किसी दूसरे ब्यक्ति के लिए यही बाते एक भरोसा और बिस्वास की निब भी हो सकती हे . जब बातें महज बातें ही रह जाती हे तो दम तोड़ देते है उस ब्यक्ति विशेष के , मन में मौजूद प्रेम और बिश्वाश . तुझे भूलना नामुमकिन है ये तो मैंने जान लिया पर तू मेरी जान थी तू ये ना जान पायी. #yaadein