वो इक राज़- ए- समन्दर सी खामोश है, बेहिसाब झरने सा मैं उसमें मिलने लगा हूं, उसके बांहों के नर्म घेरो में जो कश्मकश है, कि हौले हौले बिखर के मैं संवरने लगा हूं, शब भर मैं तकता रहा उसकी निगाहों में, रफ्ता रफ्ता मैं फिर इश्क़ में पड़ने लगा हूं, मेरे दर्द अक्सर मुझसे खफा रहने लगे हैं, मै उससे मिल के खुद से जो बिछड़ने लगा हूं ।। #she #feelings #yqhindi #yqdidi #yourquote #yqbaba #loveliness 😍