हजारों दाग लगे मुझ पर, हजारों सवाल उठे, कुछ अपनों के मन में, कुछ गैरों के मन में, सही गलत ख़्याल उठे, और कितनी सफाई देता मैं, अपनी बेगुनाही की उनको, मुझसे पूछा नहीं किसी ने, जो औरों ने कहा, सही मान उठे ©Mr. Kumar #Morning #हजारों #दाग #लगे #मुझपर M.K.kanaujiya Kavitri mantasha sultanpuri