Nojoto: Largest Storytelling Platform

स्त्री तो स्त्री है... स्त्री तो स्त्री है, मनुष्

स्त्री तो स्त्री है... 
स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य कहाँ बन पाती है? 
कोई मानव अधिकार -स्त्री का अधिकार कहाँ? 
फ़र्ज निभाना बस फर्ज निभाना 
स्त्री के लिए तो बस एक यही है राह यहाँ... 
स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य नहीं बन पाती है? 
चाहे रौंद दो भावनाओं को, 
मिटा दो किस्मत की रेखाओं को, 
बुझा दो सारी आशाओं को, 
तोड़ दो सारे सपनों को, 
फिर भी छोड़ के सारे अपनों को.... 
एक नए घोंसले की खातिर, 
तिनका -तिनका जुटाती है। 
स्त्री तो स्त्री है.... 
टूटने और बिखरने पर भी खुद ही सिमट जाती है,
वो रूठे और कोई मनाएँ, उम्मीद कहाँ लगाती है... 
स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य कहाँ बन पाती है.... स्त्री तो स्त्री है....
स्त्री तो स्त्री है... 
स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य कहाँ बन पाती है? 
कोई मानव अधिकार -स्त्री का अधिकार कहाँ? 
फ़र्ज निभाना बस फर्ज निभाना 
स्त्री के लिए तो बस एक यही है राह यहाँ... 
स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य नहीं बन पाती है? 
चाहे रौंद दो भावनाओं को, 
मिटा दो किस्मत की रेखाओं को, 
बुझा दो सारी आशाओं को, 
तोड़ दो सारे सपनों को, 
फिर भी छोड़ के सारे अपनों को.... 
एक नए घोंसले की खातिर, 
तिनका -तिनका जुटाती है। 
स्त्री तो स्त्री है.... 
टूटने और बिखरने पर भी खुद ही सिमट जाती है,
वो रूठे और कोई मनाएँ, उम्मीद कहाँ लगाती है... 
स्त्री तो स्त्री है, मनुष्य कहाँ बन पाती है.... स्त्री तो स्त्री है....
pragyasaraf9527

Pragya Saraf

New Creator

स्त्री तो स्त्री है....