बिटिया का घूँघट घूँघट को अपने कुल की लाज समझ उसमें बिता देती है बिटिया जीवन सारा,ख्वाब अपने सारे धूमिल करके परिवार अपना खुशहाल बनाती है बिटिया,फ़र्ज अपना निभा कर वो हर रिश्ते के किरदार को बखूबी निभाती है बिटिया, सीख लेती छोटी उम्र में चूल्हा चोका खाना बनाना खो देती है बचपन सारा वो बीटिया,जन्म से रहती माँ बाप भाई के लगाई बंदिश के दायरे में,दूजे घर में जाकर पति बच्चों की लगाई बंदिश के दायरों में आजादी से जीना भूल जाती है बिटिया,ऊँची आवाज़ में न बोलना जाने खामोश हो हर कटु शब्द सुन लेती है बिटिया,फिर भी अपमानित होती है बिटिया,जाने कितने गम दफन है मन में उसके घूँघट के भीतर समझदारी से अपनी बड़ी आसानी से छुपा लेती है बिटिया,नहीं समझ सकता कोई कि किन हालातों से गुजर घूँघट तले रहती है, #tarunasharma0004 #hindipoetry #trendingquotes #yourquotebaba #yourquotedidi #lifequotes #bitiya #घूँघट