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कोई साथ नहीं देता जब ज़ख्मी हालातों में फूट–फूट कर

कोई साथ नहीं देता जब ज़ख्मी हालातों में
फूट–फूट कर कविता रोती भीड़ लगी मयखानों में

कितने जर्ज़र जिस्म हुए हैं, विक्षिप्त हृदयों के मेले हैं
तुम भी वहांँ खड़े तन्हा और हम भी यहांँ अकेले हैं...

©उपासना मिश्रा #ChaltiHawaa #yad #life #L♥️ve #fealings #lonely
कोई साथ नहीं देता जब ज़ख्मी हालातों में
फूट–फूट कर कविता रोती भीड़ लगी मयखानों में

कितने जर्ज़र जिस्म हुए हैं, विक्षिप्त हृदयों के मेले हैं
तुम भी वहांँ खड़े तन्हा और हम भी यहांँ अकेले हैं...

©उपासना मिश्रा #ChaltiHawaa #yad #life #L♥️ve #fealings #lonely