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White मां मुझको कितना सुकून मिलता है। तेरे आंच

White   
मां मुझको कितना सुकून मिलता है।
 तेरे आंचल में आने से। 
सबकुछ सुलझा सा लगता है। 
तेरी गोद में सो जाने से।

सब से ज्यादा तू खुश थी मां।
 मेरे दुनिया में आने से।

मां धूप छाया का खेल नहीं है। 
मां दो शब्दों का मेल नहीं है।
 रब की मां से तुलना मत कर। 
मां से रब का मेल नहीं है।

किरणों का उजागर है मां। 
बिहारी जी की गागर है मां। 
हम सब बहते पानी से है। 
इस पृथ्वी का सागर है मां।

Happy mother's day

©Sandip rohilla #mothers_day Sherni mannu nagar प्रभाकर अजय शिवा सेन Parijat P Mirza raj
White   
मां मुझको कितना सुकून मिलता है।
 तेरे आंचल में आने से। 
सबकुछ सुलझा सा लगता है। 
तेरी गोद में सो जाने से।

सब से ज्यादा तू खुश थी मां।
 मेरे दुनिया में आने से।

मां धूप छाया का खेल नहीं है। 
मां दो शब्दों का मेल नहीं है।
 रब की मां से तुलना मत कर। 
मां से रब का मेल नहीं है।

किरणों का उजागर है मां। 
बिहारी जी की गागर है मां। 
हम सब बहते पानी से है। 
इस पृथ्वी का सागर है मां।

Happy mother's day

©Sandip rohilla #mothers_day Sherni mannu nagar प्रभाकर अजय शिवा सेन Parijat P Mirza raj