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जाने क्यों साथी तेरे साथ बिना हर शाम अधूरी लगती है

जाने क्यों साथी तेरे साथ बिना हर शाम अधूरी लगती है ,
बिन जुगनू के रातो की रौनक जैसे अधूरी लगती है !!
फिक्र तुम्हारी आज भी है बस जिक्र हो रहा शब्दो में ,
अश्क़ छुपे हो आँखों मे तो मुस्कान अधूरी लगती है !!
बिन राधा के श्याम की मुरली जैसे अधूरी लगती है ,
वैसे ही जितने करीब रहो तुम नज़दीकी दूरी लगती है !
इंतजार तुम्हारा आज भी राहुल बस सब्र खो रहा यादों में 
जैसे बिन माली के पुष्पों की डाली आज अधूरी लगती है 


                 ~ पुरानी यादें ~
                   (((" राहुल "))) #यादें 
जाने क्यों साथी तेरे साथ बिना हर शाम अधूरी लगती है ,
बिन जुगनू के रातो की रौनक जैसे अधूरी लगती है !!
फिक्र तुम्हारी आज भी है बस जिक्र हो रहा शब्दो में ,
अश्क़ छुपे हो आँखों मे तो मुस्कान अधूरी लगती है !!
बिन राधा के श्याम की मुरली जैसे अधूरी लगती है ,
वैसे ही तुम जितने करीब रहो नज़दीकी दूरी लगती है !
इंतजार तुम्हारा आज भी राहुल बस सब्र खो रहा यादों में
जाने क्यों साथी तेरे साथ बिना हर शाम अधूरी लगती है ,
बिन जुगनू के रातो की रौनक जैसे अधूरी लगती है !!
फिक्र तुम्हारी आज भी है बस जिक्र हो रहा शब्दो में ,
अश्क़ छुपे हो आँखों मे तो मुस्कान अधूरी लगती है !!
बिन राधा के श्याम की मुरली जैसे अधूरी लगती है ,
वैसे ही जितने करीब रहो तुम नज़दीकी दूरी लगती है !
इंतजार तुम्हारा आज भी राहुल बस सब्र खो रहा यादों में 
जैसे बिन माली के पुष्पों की डाली आज अधूरी लगती है 


                 ~ पुरानी यादें ~
                   (((" राहुल "))) #यादें 
जाने क्यों साथी तेरे साथ बिना हर शाम अधूरी लगती है ,
बिन जुगनू के रातो की रौनक जैसे अधूरी लगती है !!
फिक्र तुम्हारी आज भी है बस जिक्र हो रहा शब्दो में ,
अश्क़ छुपे हो आँखों मे तो मुस्कान अधूरी लगती है !!
बिन राधा के श्याम की मुरली जैसे अधूरी लगती है ,
वैसे ही तुम जितने करीब रहो नज़दीकी दूरी लगती है !
इंतजार तुम्हारा आज भी राहुल बस सब्र खो रहा यादों में