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बेकुमलाती हुई सी लगे सूखे फूलों सी जैसे गिरी हो पत

बेकुमलाती हुई सी लगे सूखे फूलों सी
जैसे गिरी हो पत्ती एक समंदर में 
डूब गई हो जान जैसे खेत खलिहानों में
जैसे पंछी फड़फड़ाये दर्द में
जैसे आग ने जला कर रेत के टीले बनाये हों
जैसे छाओं में भी अब आराम न हो
जैसे अश्रुओं ने खेल दिया हो
नमक और पानी अलग कर दिया हो
आज तन्हाई कोई फिर जागी ऐसी हो
बयान है आज दुनियाँ के फसाने
फिर छाई हो घुटन की कोई चटक आयी हो
ये उदास उदास सी आंखों ने
लिखी कोई कहानी सी हो
ये उदास उदास आंखें
ये उदास उदास आंखें...... ये उदास उदास आँखें,
ये उदास उदास चेहरा...
#उदासआँखें #collab #yqdidi  #YourQuoteAndMine
Collaborating with YourQuote Didi
बेकुमलाती हुई सी लगे सूखे फूलों सी
जैसे गिरी हो पत्ती एक समंदर में 
डूब गई हो जान जैसे खेत खलिहानों में
जैसे पंछी फड़फड़ाये दर्द में
जैसे आग ने जला कर रेत के टीले बनाये हों
जैसे छाओं में भी अब आराम न हो
जैसे अश्रुओं ने खेल दिया हो
नमक और पानी अलग कर दिया हो
आज तन्हाई कोई फिर जागी ऐसी हो
बयान है आज दुनियाँ के फसाने
फिर छाई हो घुटन की कोई चटक आयी हो
ये उदास उदास सी आंखों ने
लिखी कोई कहानी सी हो
ये उदास उदास आंखें
ये उदास उदास आंखें...... ये उदास उदास आँखें,
ये उदास उदास चेहरा...
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madhav1592369316404

Madhav Jha

New Creator