बेकुमलाती हुई सी लगे सूखे फूलों सी जैसे गिरी हो पत्ती एक समंदर में डूब गई हो जान जैसे खेत खलिहानों में जैसे पंछी फड़फड़ाये दर्द में जैसे आग ने जला कर रेत के टीले बनाये हों जैसे छाओं में भी अब आराम न हो जैसे अश्रुओं ने खेल दिया हो नमक और पानी अलग कर दिया हो आज तन्हाई कोई फिर जागी ऐसी हो बयान है आज दुनियाँ के फसाने फिर छाई हो घुटन की कोई चटक आयी हो ये उदास उदास सी आंखों ने लिखी कोई कहानी सी हो ये उदास उदास आंखें ये उदास उदास आंखें...... ये उदास उदास आँखें, ये उदास उदास चेहरा... #उदासआँखें #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi