जीत का बम गर कोशिश करेंगे हम मिलेगी खुशियाँ दूर होगें गम आओ ! लगाये , हम दम ; मैदान में जायें जम लेकर ! उम्मीद , जोश , साहस को ; साथ फोड़े सब , सफलता रुपी , आज ; रस्सी बम कवि अजय जयहरि कीर्तिप्रद जीत का बम.....कीर्तिप्रद