बदनामियों का पुतला हूँ मैं, मेरे साथ कितनी जिल्लत उठाओगी, मुझसा ही चाहती हो? तो चलो मुझको ही रख लो तुम, मुझसा ढूंढ़ने अब कहा जहन्नुम में जाओगी.. -(बदनाम...) #lovepoetry#love#tumbin shubham pandey