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लक्ष्य के प्रति जागरूकता हैं जिसमें, अक्षय है वो

 लक्ष्य के प्रति जागरूकता हैं जिसमें,
अक्षय है वो अपने जीवन में..!

खुशियों के फूल खिलते हैं,
सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है वो जन जन में..!

क्यों भटकना महफ़िल में,
खटकने वाले हैं दम्भ के वन में..!

हिम्मत साहस से लबरेज़,
बाहुबल सा है वो ही रण में..!

हौंसलों की चिंगारी है जीवन में आभारी,
भेद करे न जो धनी और निर्धन में..!

जमीं पे रहकर आसमान तक,
पहुँचाती है कुछ यूँ ही एकाग्रता..!

ख़ुशबू क़ामयाबी की घुल जाती है,
रमण शीतल होकर यूँ पवन में..!

©SHIVA KANT
  #Lakshay