जिंदगी से उदास होकर बैठे थे, असली जंग ही हार कर बैठे थे, माँ ने कंधे पर हाथ क्या रख दिया, हर मंजिल को पाने के जुनुन से हम तिलमिला उठे थे। ©Mrunalini Mandlik My strength is my mom