कुछ इस तरह तिरा-मिरा मिलना होता ! मैं दरिया औऱ तू मिरा समंदर होता !! करता तय सफ़र फिर मैं मिलो दूर से कहीं ! तिरी निगाहों को बस मिरा इंतज़ार होता !! ख़्वाहिशें हज़ारों सिमट आती मुझ में कहीं ! बस तू ही मुझें थामने का एक जरिया होता !! जो उठते है बेतहाशा उलझन भरे सवाल कई ! मिरे हर सवाल का बस तू ही एक जवाब होता !! फिर होती यूँ तिरी-मिरी भी एक शाम हँसीं ! के समंदर से मिलकर दरिया दरिया ना होता !! — Kumar✍️ ©Kumar #Nojotoindia #nojotowriters #nojotourdu #nojotohindi #nojotonews #अंकित_सारस्वत #कवि_राहुल_पाल Shweta Dayal Srivastava V.k.Viraz Darshan Raj indira kirtima Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय"