पल्लव की डायरी बेकीमती चीज ,पेबन्दी में रहती है हर किसी की नजरे ना पड़े इसलिये,पर्दे में रहती है लोग शोर मचाते,दुहाई शोषण की देते है जो काबिल नही,वो आजादी की दुहाई देते है हीरा और बेटी कोहिनूर कुदरत के होते है जिसकी औकात हो,उसको ही समर्पण होते है वर्ना कोई कांच समझ बैठता या सुंदरता पर मर बैठता पारखी नजरों में ही,इन दोनों का भविष्य उज्ज्वल होता है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" #Marriage हीरे की कीमत पारखी नजरो में होती है