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फिल्मों में एक से ज्यादा किरदार जो निभाया जाता है,

फिल्मों में एक से ज्यादा किरदार जो निभाया जाता है,
 वो महज़ कल्पना मात्र का प्रतिबिंब होता है..............
वहीं असली किरदार तो एक शादीशुदा औरत निभाती है

जो पति के लिए धर्मपत्नी का किरदार,
पुत्र के लिए एक ममतामयी का किरदार,
परिवार वालों के लिए बहू का किरदार,


आज वो सारे किरदारों के साथ -साथ
 एक कोरोना महामारी का अद्भुत त्याग,
और समर्पण का किरदार निभा रही हैं,
जिसे भाषा में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

-देव फैज़ाबादी
#dev_da_thought

©Dev Faizabadi 💎
  #warrior
फिल्मों में एक से ज्यादा किरदार जो निभाया जाता है,
 वो महज़ कल्पना मात्र का प्रतिबिंब होता है..............
वहीं असली किरदार तो एक शादीशुदा औरत निभाती है

जो पति के लिए धर्मपत्नी का किरदार,
पुत्र के लिए एक ममतामयी का किरदार,
परिवार वालों के लिए बहू का किरदार,


आज वो सारे किरदारों के साथ -साथ
 एक कोरोना महामारी का अद्भुत त्याग,
और समर्पण का किरदार निभा रही हैं,
जिसे भाषा में व्यक्त नहीं किया जा सकता।

-देव फैज़ाबादी
#dev_da_thought

©Dev Faizabadi 💎
  #warrior