White मोहब्बत में इक-दूसरे पर यक़ीन होना लाज़मी होता है, कुछ ऐसा ही कहता है वो। लेकिन लाज़मी तो ये भी था कि... यक़ीन न टूटे मेरा कभी ऐसा यक़ीन मुझे दिलाता वो। लाज़मी तो ये भी था कि... मेरी हर ग़लत-फ़हमी को दूर करता वो । लाज़मी तो ये भी था की ... मेरे जायज़ सवालों के सच्चे जवाब देता वो। लाज़मी तो ये भी था कि ... मेरी हर उलझन को ख़त्म कर के मेरे दिल को तस्कीन देता वो। लाज़मी तो ये भी था कि... मेरे इंतज़ार को ख़त्म कर देता वो। उसे अंदाज़ा था कि मैं किन सवालों से, किन उलझनों से गुज़र रही हूॅं फ़िर भी क्यूॅं कुछ भी नहीं किया उसने और क्यूॅं ख़ामोश और अंजान बन कर रहा वो?? क्या ये सारी बातें उसके नज़दीक मायने नहीं रखती मोहब्बत में, क्या इन सारी बातों को फ़िज़ूल समझता है वो ?? मेरी ख़ुशी,मेरे दिल का सुकून, मेरी क़द्र क्या ये सब ज़रूरी नहीं था मोहब्बत के इस रिश्ते में,इन बातों को अहमियत क्यूॅं नहीं देता है वो?? और ये सब कुछ फ़िज़ूल ही है अगर तो फ़िर किस तरह की मोहब्बत की हामी भरता है वो ?? ©Sh@kila Niy@z #basekkhayaal #basyunhi #mohabbat #Sawal #nojotohindi #Quotes #3oct shayari in hindi