Caption पूरे 3 साल बाद हुई थी हमारी मुलाक़ात, तुम कुछ उलझे से थे, इधर उधर की बातें बस, पुरानी बातों का कोई सिरा पकड़ में ही नहीं आ रहा था। अजीब सन्नाटा पसरा था माहौल में... अचानक अख़बार से सिर उठा, मुझे चाय बनाते देखते हुए बोले "ये वही स्वेटर है ना जो कॉलेज में अक्सर पहनती थी, कुछ ढीला सा हो गया है, सेहत का ध्यान रखो अपनी" धक् से कलेजा जी को आ गया! हाँ अभी बचा है कुछ, जैसे ओज़ोन परत का पूरी तरह ह्यस नहीं हुआ, जैसे अब भी पृथ्वी को जलने से बचा सकती हूँ। हाँ रिश्ता जला नहीं था अभी पूरा..आज भी बाक़ी था एक हिस्सा.. ❤️❤️