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याद रखना – माँ बाप उमर से नहीं, फिकर से बूड़े होते

याद रखना –
माँ बाप उमर से नहीं, फिकर से बूड़े होते हैं, कड़वा हैं मगर सच हैं।
 
मेरे बच्चे तुझे और क्या चाहिए,
बूढ़े माँ बाप ने तुझको अपनी जवानी दी हैं।

औलाद को इंसान बनाने की फिक्र में,
माँ बाप को मरने की भी फुर्सत नहीं मिली।

©Satendra Thakur god
#Thinking
याद रखना –
माँ बाप उमर से नहीं, फिकर से बूड़े होते हैं, कड़वा हैं मगर सच हैं।
 
मेरे बच्चे तुझे और क्या चाहिए,
बूढ़े माँ बाप ने तुझको अपनी जवानी दी हैं।

औलाद को इंसान बनाने की फिक्र में,
माँ बाप को मरने की भी फुर्सत नहीं मिली।

©Satendra Thakur god
#Thinking