ऐसे चढ़ता है,कि हर उम्र में एक नया रिश्ता बनता रहता है। चाहता नही कोई,बस अब रुक जाऊँ ख्वाहिशों का समंदर दिल में उफनता रहता है। पीढी़-दर-पीढी पार कर हम जाते है, तब जाकर हालात बिगड़ने लगते है। फिर शरीर छोड़ने लगता है साथ, और नशा उतरने लगता है सिर से दिन-रात।। नशा ज़िन्दगी जिसे लग गया, उसे फिर ख़ुशी और ग़म एक हैं... #नशाज़िन्दगीका #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #paidstory