मै मन्द मन्द मुस्कान सी, वो बहती हवाओ सा । मैं खिली धूप सी, वो ढलती शाम सा । मेरी दुनिया का अकेला, वो टिमटिमाता ध्रुव तारा सा । मैं चंदा की चकोरी, वो मेरा पूरा चाँद सा । मैं सजी हुई धरती, वो खुला आसमान सा । मै उसकी अर्धागिनी, वो मेरा अर्धांग सा । मै उसकी गौरा, वो मेरा भोलेनाथ सा । ©Hema Shakya #Shiv_Shakti #mahadev #Nojoto #hemashakyaquotes #hemashakyastories #hemashakya