मिटता बनता रहता है विधिबद्ध! अकारण, स्थावर कोई मात्रा नहीं स्वावलम्बन तटस्थ है, अपितु इसके मात्रा की क्रीड़ा ज्ञानेंद्रिय है जो मिटता बनता रहता है, हेतु स्वावलम्बन! जो बरा सो बुझाना! सुप्रभात। ज़िन्दगी मिटाती है, फिर बनाती है। ख़ूब से ख़ूबतर बनाने का यह प्रयास प्राकृतिक है। हमें भी इस प्रक्रिया अपनाना चाहिए। #मिटानाबनाना #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #musings #miscellaneous