निशीथ तेरी पहचान गुमनाम सा दिखता है .... किसी कैक्टस की फूल जैसी ..... न जाने वो रास्ते कहाँ भटक गए .... जो जाते थे उन गलियों में जहां मेरा प्यार बस्ता था ... मेरे पुराने ख्याल चाय की चुस्की सी ..... दिल में घुली है जैसे चीनी सी ...... 🤔#निशीथ🤔 ©Nisheeth pandey निशीथ तेरी पहचान गुमनाम सा दिखता है .... किसी कैक्टस की फूल जैसी ..... न जाने वो रास्ते कहाँ भटक गए .... जो जाते थे