"बस थोड़ा सा इंतजार.....और यही कहकर मैं अपने मन को समझाती हूं! आंखों में बहुत सारा इंतजार लिए, मैं आज भी उसकी राह तकती हूं! किसी शाम मेरे साथ चाय पीने का वादा किया है, बस उसी शाम का हर रोज मैं इंतजार करती हूं! हर शाम बस इस उम्मीद में गुजर जाती है, कि थोड़ा सा इंतजार और बस थोड़ा सा इंतजार और.... srashti...✍ #शायरीtea