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ऐ जाना तेरी सुरत है याद मुझे! मुसलस्ल वो हर बात मु

ऐ जाना तेरी सुरत है याद मुझे!
मुसलस्ल वो हर बात मुझे!
लिखू दू जो एक दास्ता तो ये 
कायनात कहेगी दगाबाज मुझे!
क्या होना है गुफतगू कर के अब
 खुदसे ही फुर्सत नही दिन रात मुझे!
है सुकून मेरे ही अन्दर ढुंढा मैने 
लोग तो करने मे लगे थे बरबाद मुझे!








                                          कनक तेलंग

©kt #snow 
#snow
ऐ जाना तेरी सुरत है याद मुझे!
मुसलस्ल वो हर बात मुझे!
लिखू दू जो एक दास्ता तो ये 
कायनात कहेगी दगाबाज मुझे!
क्या होना है गुफतगू कर के अब
 खुदसे ही फुर्सत नही दिन रात मुझे!
है सुकून मेरे ही अन्दर ढुंढा मैने 
लोग तो करने मे लगे थे बरबाद मुझे!








                                          कनक तेलंग

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kanaktelang6148

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