मुजे चाहिए कोई मेरे ही जेसा हो जो कुछ तन्हा सा, कुछ अफसाने जेसा फर्क जिसे पडे मेरे गुमशुदा होने से जिसे हो मेरी खामोशी का अंदाजा कुछ एसा की रहती हूँ चाहे किसी शोरगुल में फीर भी ढूंढ रही हूँ ठिकाना इक शुकून का जहाँ मील जाएँ कोई मुझे बस मेरे ही जेसा #nojotogandhinagar