हमने जब हमारे प्यार का बडे प्यार से एजहार किया। तो उन्होने हमारे प्यार का इन्कार किया। जिसे कभी प्यार नाम से भी नफ्रत हुवा करती थी। आज वो हि किसीका प्यार बनकर बरस रहे हे। ।।★ जेंसे कि बारिश कि बुंदे★।। और हम यही सोचते रह गये कि कही बारिश हम पर भी बरस जाये।। गलती से हि सही लेकींन बरस जायें... पर हवाने ऐसा मोड लिया कि वो आसमान में हि गुमशुदा हो गई।। और यहा हम एक बुंद के लिये आज भी तरसते रह गये।।तरसते रह गये।। 💥पंकज पाटील💥 The Realistic dice Created by....... .......@pankaj_patil 7507442297 Kumari Rinu