यूँ फिजूल फब्तियाँ कसनें से क्या होगा ? यूँ मजलूमों पे बेवजह हँसनें से क्या होगा ?? कुछ बनना ही है तो हकीकत में रोते लबों की मुस्कान बनों। यूँ बेजान ख्वाब देखनें से क्या होगा ???? १७/१०/२०१९ ©Viswa Sachan #alone___ख्वाब__😘😘 बेबाक कन्नौज