#दास्तान-ए-हिज्र (story of separation) सुन बे-ख़बर तेरी बेवफाई ने मुझको जीना है सिखाया है मालुम भी तुझे क्या था मैं तूने मुझको क्या है बनाया रोने भी लगु कभी तो अब आंसू नहीं आती आँखों में ये सुखी पलके सुबूत है तूने मुझको कितना है रुलाया लोग कहते है अब थोड़ा सख्त थोड़ा मगरूर हो गया हूँ मैं ये तेरे इश्क़ का सिला है देख तूने मुझको कितना है सताया अब तो मुस्कुरा कर सुनते है लोग तेरी मोहब्बत के किस्से मैंने तेरे हर लफ्ज़ को साकी प्यार का नग़मा है बताया एक दिन सुनाऊंगा तुम्हे वो सितम जो किया है तूने मुझ पर बात-बे-बात तेरे हर बदलते रूप को मैंने शब्दों से है सजाया तेरे बाद फ़क़त तन्हाई होगी पास मेरे ये मुमकिन नहीं मैंने महफ़िलो में तेरे किस्से सुना कर शोहरत है कमाया कल तलक फ़क़त दिवाना था 'साबिर' तेरा ऐ जान-ए-जान शुक्रिया तेरी बे-रुख़ी का इस दिवाने को तुने शायर है बनाया -साबिर बख़्शी दास्तान ए हिज्र (story of separation) #yqbaba #yqdidi #yqbhaijan #sadpoetry #yaadein #hijr