जब तक वो समझते नहीं, हमारा मज़ाक उड़ाते हैं। एक बार जो मुकम्मल हो जाए मंज़िल। वहीं लोग शर्म के मारे, हमसे नज़रे चुराते हैं। Moral: Never give up.. Backbiting is normal in our society!