वक़्त गुज़रता रहा पर साँसे थमी सी थी, मुस्कुरा रहे थे हम, पर आँखो मे नामी सी थी, साथ हमारे ये जहाँ था सारा, पर ना जाने क्यू तुम्हारी कमी सी थी.(सलीम) सलीम