मैं शब्द तुम्हारे बन जाऊंगा तुम मेरी आवाज़ बनो मैं सब कुछ तुमसे कह जाऊंगा सुनने का तुम आधार बनो कश्ती फंसने का गम ना हो गर बनकर तुम मझधार मिलो हाथों में लेकर हाथ मेरा मुझको सहर्ष स्वीकार करो (पूरी रचना अनुशीर्षक में) मैं शब्द तुम्हारे बन जाऊंगा, तुम मेरी आवाज़ बनो, मैं सब कुछ तुमसे कह जाऊंगा, सुनने का तुम आधार बनो, कश्ती फंसने का गम ना हो, गर बनकर तुम मझधार मिलो, हाथों में लेकर हाथ मेरा, मुझको सहर्ष स्वीकार करो,