न जाने किस कदर वो खुदा हो गया है, जो मोहित था अब वो खफ़ा हो गया है।। यूँ तो मासूमियत का फसाना था उसका, आज चराग़ लेकर वो हवा हो गया है।। वो जख्मी है जो खामोश बैठे शहर में है, अब हर जख्म का नाम ही दवा हो गया है।। और इस क़दर यूँ पूँछो न ख़ैरियत उनकी, क्या हाल था मोहित अब ये क्या हो गया है।। #Khuda ho gaya hai..