रंगों कीं बहार है । यादें बेशुमार है । मन खिला खिला है । बदन गिला गिला है । रंग कैसा भी डालो चलेगा । ना कोई शिकवा ना कोई गीला है । रंगों कीं बहार है । यादें बेशुमार है । बुरा ना मानो होली का त्यौहार है । होली है..............!!!!! एन.एस.राठौर धुलेटी