अपने सपनों को अलमारी में छुपाया तो पता लगा हकीकत, खुद को बरसों बाद चाय पे बुलाया तो पता लगा हकीकत। सोता तो हर दिन हूँ मगर इत्मिनान की नींद नहीं आती और, सारे ख़्वाहिशों को तकिये तले दबाया तो पता लगा हकीकत। हर चीज़ को नज़रअंदाज़ करके नफ़्स को सुना करता था मैं, आज नफ़्स को बेदर्दी से रुलाया तो पता लगा हकीकत। बारिश गिरती है बेशक आज भी, मगर माटी महकती नहीं और, आज बिन पाबंदी खुदको भिगोया तो पता लगा हकीकत। क्या असल है क्या नकल, नज़रें पहचानने में असमर्थ है, बिन जाँचे सबसे हाथ मिलाया तो पता लगा हकीकत। #कुछनहींहोता #ज़मानेकीनज़रमें #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqquotes #yqtales #love #poetry Best YQ Hindi Quotes YourQuote Didi